Monday, January 25, 2010

हाकी हरियाणा की जंग

चंडीगढ़। महिलाओं के उत्थान और बराबरी का दर्जा देने के नाम पर केंद्र सरकार और हरियाणा की भूपेंद्र सिंह हुड्डा सरकार नित नई-नई योजना बनाएं और लाखों-करोड़ों रुपए खर्च भी करें। पुरुष प्रधान समाज की साम्राज्यवादी सोच आज भी उसे च्च्पांव की जूती ज्ज् से ज्यादा मानने को तैयार नहीं। हरियाणा पुरुष हाकी संघ ने इसे साबित भी कर दिखाया है। खेल के नाम पर पुरुष हाकी के खाते में उपलब्धियों के नाम पर कुछ हो या ना हो, पर नेतृत्व महिलाएं करें उसे यह कतई पसंद नहीं। और तो और नेतृत्व को लेकर महिलाओं से सलाह-मश्विरा करना भी गवारा नहीं। इस संवाददाता से विशेष बातचीत में महिला हाकी संघ के कोच आजाद सिंह ने बताया कि वे किसी भी सूरत में हार नहीं मानें गे और पुरुष हाकी संघ की इस मनमानी के खिलाफ हाइकोर्ट में जाएंगे। गौरतलब हो कि अंतर्राष्ट्रीय हाकी संघ के दिशा निर्देशानुसार भारतीय महिला एवं पुरुष हाकी संघों को मिलाकर हाकी इंडिया के लिए आगामी 7 फरवरी को मतदान होना था। इसके मतदान में हरियाणा की भागीदारी को लेकर हाकी इंडिया ने हरियाणा के महिला और पुरुष हाकी संघों को एक संयुक्त बॉडी का चयन करने को कहा था। हरियाणा पुरुष हाकी संघ ने न तो हरियाणा महिला हाकी संघ की अघ्यक्षा श्रीमती कृष्णा सम्पत सिंह से और न ही भारतीय हाकी टीम में शामिल महिला खिलाडिय़ों से बिना किसी सलाह के और बिना जानकारी दिए आईएएस एमएल तायल को च्च्हाकी हरियाणाज्ज् का प्रधान और सुनिल मलिक को सचिव बना दिया। और हाकी इंडिया ने इसे आनन फानन में अपनी मान्यता भी दे दी। गौर तलब हो कि एमएल तायल हरियाणा पुरुष हाकी संघ के प्रधान और सुनिल मलिक सचिव होते थे। जबकि हरियाणा महिला हाकी संघ की अध्यक्षा श्रीमती कृष्णा संपत सिह होती थी। श्री एमएल तायल आइएएस होने के दम पर अध्यक्ष पद हैं। यही कारण है कि हाकी खेल और खिलाडिय़ों के प्रति उनका समर्पण कहीं नहीं झलकता। जबकि श्रीमती कृष्णा सिंह खुद हाकी की खिलाड़ी रही हैं और विश्वविद्यालय स्तर तक हाकी खेली हैं। हाकी और हाकी खिलाडिय़ों के प्रति श्रीमती सिंह के समर्पण किसी से छिपा नहीं है। नेतृत्व के समर्पण का ही परिणाम है कि हरियाणा पुरुष हाकी संघ की टीम नेशनल गेम के लिए भी क्वालीफाई कर पाना तो दूर की बात है जबकि बेस्ट 8 में भी स्थान नहीं बना पाती। जबकि भरतीय महिला हाकी टीम में आठ खिलाड़ी हरियाणा से हैं। वल्र्ड कप 2009 में हरियाणा की 8,दोहा एशियाई में 7, एशिया कप में 7 लड़कियां हरियाणा से थी। नेशनल गेम में हरियाणा की लड़कियों ने 2001, 2003 व 2007 राष्ट्रीय स्तर पर बाजी मारी है। इतना ही नहीं राष्ट्रीय स्तर पर जुनियर, सब जुनियर महिला हाकी टीम ने अनेकों बार हरियाणा का झंडा बुलंद किया है। प्रदेश की तीन महिला हाकी खिलाडिय़ों प्रीतम सिवाच, ममता खर्ब और सुरेंद्र कौर को अर्जुन अवाडऱ् से सम्मानित किया जा चुका है वहीं प्रदेश सरकार ने सुमन बाला,सिमरनजीत कौर, गुरप्रीतकौर , जसजीत कौर, रीतूरानी, गगन दीप, संदीप, सुरेंद्र कौर ममता खरब व प्रीतम सिवाच सहित 10 महिला खिलाडिय़ों को भीम अवाडऱ् से नवाजा है। हरियाणा महिला हाकी संघ की वरिष्ठ उपप्रधान श्रीमती बिमला सांगवान ने बताया कि श्रीमती कृष्णा सम्पत सिंह के कुशल नेतृत्व की ही देन है कि प्रदेश में आज 35 महिला खिलाड़ी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश का नाम रोशन कर रही हैं। इतनी उपलब्धिायों के बावजूद हरियाणा पुरुष हाकी संघ मनमानी पर उतर आया है । पुरुष हाकी संघ के इस मनमाने फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट में रिट दाय की जाएगी।