Wednesday, March 11, 2009

हरियाणा का लोक नाट्य सांग(फोक ऑपेरा )

हरियाणा की लोक नाट्य कला के बारे में विचार करते ही हमारा ध्यान सांग पर चला जाता है इस नाट्य कला का इतिहास बहुत जिज्ञासा मूलक है हरियाणा या इसके आसपास के इलाको में सांग की शुरुआत कब हुई इस बारे में कहना मुश्किल है ,परन्तु इतना कहा जा सकता है कि देवताओं में इंदर कि सभा में भी स्वांग (सांग) खेला जाता
था हरियाणा में सांग प्राचीन कल से ही प्रचलित है " नाट्य शास्त्र " ही पंचम वेद कहलाया है
हरियाणा में सम्राट हर्श्वदन के समय लोक नाट्य कला अपने चरम पर था उनके
दरबार में नाटक मण्डली थी १६वि ० शती में हरियाणा में रास लीला और रामलीला
का प्रचार -प्रसार था कुछ समय बाद सांग में अन्य किस्से भी शामिल होने लगे

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