Monday, March 2, 2009

हरियाणा का सूफी एवं उर्दू साहित्य ...................(भाग ४)

उर्दू साहित्य में हरियाणा के कवियों में अनुपचंद'आफताब ' पानीपती का अपना स्थान है उन्होंने उर्दू काव्य को परम और श्रंगार की संकरी गलियों से निकल कर जीवन जाग्रति और बलिदान के राजपथ पर ला खडा किया हरियाणा सरकार ने उन्हें 'राज्य कवि 'के सम्मानित पदसे आभूषित किया उनका जन्म पानीपत के एक सम्पन परिवार में १८९७ को हुआ और ८ फरवरी १९६८ को उनका देहावसान हो गया
उनका लिखा काव्य .....................
"हम गर्दिशो दोरा को बल अपना दिखा देंगे
मशरिक का सिरा लेकर मगरिब से मिला देंगे
शेरो की तरह हम भी गुराएँगे दुनिया में
सीनों में वतन के जज्बात जगा देंगे
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